14 June, 2010
मै वर्तमान में नहीं जीना चाहता ..................
मै वर्तमान में नहीं जीना चाहता
या मुझे भूत दो या भविष्य
वयः संधि की स्थिति दो
या अनुभव की जागीर लिए वयोवृद्ध
गाओ जन्मगीत
या मृत्यु संगीत
बजाओ मृदंग
या बनाओ यतीम
सतत अग्नि का झोका दो
या दो हिमगिरी का नीड
कर दो विवसन अकारण
या पहना दो रत्ना जडित पीड
वर्तमान का करो लंघन
करो शांति संचरण
या दे दो वेदना पीर
रामानुज दुबे
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