सोनिया जी
हमें भी सिस्टम में सटाइये
हर साल दो साल
कोई पद या तमगा दिलवाइए
गलती से भी
हम करप्सन की बात न खोलेंगे
शर गोतकर
आपकी जय बोलेंगे
कहेंगे
जो करते बात करप्सन की
वो जातिवादी है
उन्मादी है
आतंकवादी है
व्याभाचारी है
मुर्ख भी है
जाहिल भी है
कहेंगे
सब चोर है
बाबा सन्यासी
असल में है ये
लादेन राजा के साथी
सच्चाई तो यह है
ये है सत्ता के दलाल
फायदा देखा
तो हो गए विपक्ष के साथ
कहेंगे
लोकपाल के बनते ही
ये सोसाइटी वाले
बन जाएँगे करोडपति
गटक कर जाएँगे
सारी जन संपत्ति
ये लोकतंत्र का खतरा है
क्या इनके पास भी कोई जनता है
सुना है
इस लोकतंत्र में
बड़े नेता भी चुन कर नहीं आते
जो चाटते है तलवे आपके
वो प्रधानमंत्री बन जाते
इस लोकतंत्र में
सत्ता है
गुलाम है
बाबु है
दलाल है
जनता कहा है आपकी नजर में
वो तो आपके तलवे के पास है
रामानुज दुबे
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