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25 August, 2013

दूर रखें ...



ज़िंदगी जब
गोश्त बन पतीले में आ जाता है
कुत्ते कम
मानव -सा नरपशु  ही ज्यादा इसके इर्द गिर्द मडराता है

कुत्ते भूख मिटाते हैं
मानव आपके रूह तक को खा जाना चाहते हैं

लड़ें गिरें
झुकें  तनें
रोयें , हॅंसें , गुनगुनाएँ

मिट जाएँ तो गम नहीं
उसूलों में जिन्दा रह जाएँ

ज़िंदगी को
कभी गोश्त न बनने दें
कुत्ते से ही  नहीं
मानव विषदंत से भी इसे दूर रखें

( संपादन तिथि - २ जुलाई  २०१९ )

~~~रामानुज दुबे 

2 comments:

  1. Here ‘Manav’ is metaphorically used for those people who are goody goody in appearance but they are more dangerous, ferocious, and vicious than any notorious & wild animal .

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