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24 September, 2014

आँसू -


मेरी आँखों से
निकलते ये आँसू
दरअसल ये मेरे नहीं हैं
ये  आँसू तुम्हारे हैं
जो अक्सर बह जाते हैं
मेरी आँखों से .

ये आँसू
ना अनमोल है
ना बेशकीमती

ये अब बस दो कौड़ी के है
जिसे ना बाजार से नापना चाहता हूँ
ना समझना चाहता हूँ -

~~~ रामानुज दुबे


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